What is the Holy Spirit? Who is the Holy Spirit ? What else does?
पवित्र आत्मा क्या है ? पवित्र आत्मा कौन है ? और क्या करता है ?
पवित्र आत्मा तो परमेश्वर ही है क्योंकि परमेश्वर ही पवित्र है और परमेश्वर ही आत्मा है ।
(लैव्यव्यवस्था 19:2,
यूहन्ना 4:24) ।
पवित्र आत्मा परमेश्वर का ही आत्मा है और परमेश्वर अपना ही पवित्र आत्मा हमें देता है ।
(इफिसियों 4:30,
1थिस्सलुनीकियों 4:8) ।
पवित्र आत्मा परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु का ही आत्मा है जो हमारे हृदयों में भेजा गया है (प्रेरितों के काम 16:6-7,
गलातियों 4:6) ।
जो आत्मा यीशु को प्रभु नहीं मानती वह परमेश्वर की ओर से नहीं वह दुष्ट आत्मा है जो मसीह के विरोधी का आत्मा है (1यूहन्ना 4:3) ।
बिना पवित्र आत्मा के कोई कभी कह ही नहीं सकता कि यीशु प्रभु है ।
(1कुरिन्थियों 12:3) ।
इसलिए मन फिराओ और तुम में से हर एक अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए प्रभु यीशु मसीह के नाम में बपतिस्मा ले तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे ।
(प्रेरितों के काम 2:38) ।
परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरुद्ध निन्दा करे, वह कभी भी क्षमा नहीं किया जाएगा, बल्कि वह अनन्त पाप का अपराधी ठहरता है ।
(मरकुस 3:29) ।
प्रभु यीशु ने कहा सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा ।
(यूहन्ना 14:26) ।
पवित्र आत्मा संसार को पाप, धार्मिकता और न्याय के विषय में निरुत्तर करेगा ।
(यूहन्ना 16:8) ।
पवित्र आत्मा परमेश्वर के गुप्त भेदों को जानने के लिए हमें दिया गया है, क्योंकि परमेश्वर की बातें कोई नहीं जानता केवल परमेश्वर का पवित्र आत्मा
(1कुरिन्थियों 2:10-11) ।
(1कुरिन्थियों 2:10-11) ।
पवित्र आत्मा हमारी कमजोरी में हमारी सहायता करता है क्योंकि हम नहीं जानते कि प्रार्थना कैसे करनी चाहिए लेकिन पवित्र आत्मा ही आहें भर-भर कर हमारे लिए विनती करता है (रोमियों 8:26) ।
प्रभु यीशु ने कहा मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते (यूहन्ना 16:12) ।
परन्तु जब वह अर्थात् सच्चाई का आत्मा आएगा तो तुम्हें सब सच्चाई का मार्ग बताएगा (यूहन्ना 16:13) ।
पवित्र आत्मा सच्चाई का आत्मा है जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता क्योंकि वह उसे न देखता है न उसे जानता है तुम उसे जानते हो क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है ।
(यूहन्ना 14:17) ।
प्रभु यीशु ने कहा मैं तुम्हें अनाथ न छोड़ूँगा मैं (पवित्र आत्मा के रुप में) तुम्हारे पास आता हूँ (यूहन्ना 14:18) ।
उस दिन तुम जानोगे कि मैं अपने पिता में हूँ और तुम मुझ में और मैं तुम में ।
(यूहन्ना 14:20) ।
प्रभु यीशु ने कहा जहाँ दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठा होते हैं वहाँ मैं (पवित्र आत्मा के रूप में) उनके बीच में होता हूँ ।
(मत्ती 18:20) ।
प्रभु यीशु ने कहा देखो मैं (पवित्र आत्मा के रूप में ) जगत के अन्त तक सदा तुम्हारे संग हूँ ।(मत्ती 28:20) ।
जैसा हमने ऊपर देखा कि पिता परमेश्वर तो आत्मा है और जब यीशु देह धारण करके एक पवित्र इंसान के रूप में पृथ्वी पर आए तो उनके अन्दर वही पिता आत्मा के रुप में था जिसकी गवाही यीशु ने दी और कहा कि क्या तुम विश्वास नहीं करते कि मैं पिता (पवित्र आत्मा के रूप में) में हूँ और पिता (पवित्र आत्मा के रूप में) मुझमें है, ये बातें जो मैं तुमसे कहता हूँ अपनी ओर से (इंसानी बुद्धि से नहीं) नहीं कहता परन्तु पिता (पवित्र आत्मा के रूप में) मुझमें रहकर अपने काम करता है । मेरा विश्वास करो कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझमें, नहीं तो कामों ही के कारण मेरा विश्वास करो (यूहन्ना 14:10-11) ।
पिता- प्रभु
पुत्र- यीशु
पवित्र आत्मा - मसीह
🌼प्रभु यीशु मसीह ही एकमात्र परमेश्वर है । क्योंकि लिखा है कि उसमें (प्रभु यीशु मसीह में) परमेश्वरत्व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है ।
(कुलुस्सियों 2:9) ।
हम यह भी जानते हैं कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है कि हम उस सच्चे को पहचाने और हम उसमें जो सत्य है अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है ।
(1यूहन्ना 5:20) ।
🌼इस वचन के द्वारा
परमेश्वर आपको स्वर्गीय ओर आत्मिक आशीष दे ।सारी महिमा प्रभु यीशु को मिले 🌼
जै मसीह की
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