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Thursday 9 August 2018

How to get true peace सच्ची शांति कैसे पाएं


  How to get true peace सच्ची शांति कैसे पाएं

प्यारे दोस्तो आज हर इंसान शान्ति की तलाश में है इसलिए वह इस शान्ति को किसी न किसी व्यक्ति, किसी न किसी वस्तु या किसी न किसी स्थान में ढूँढता है पर वह नहीं जानता कि ये सब तो नाश होने वाली हैं और जो चीज नाश हो जाए उसमें कभी भी सच्ची शान्ति नहीं मिल सकती ।

आईए जाने की सच्ची शान्ति कैसे मिल सकती है ?

पवित्र शास्त्र कहता है कि इसलिए यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है पुरानी बातें बीत गई हैं, देखो सब बातें नई हो गई हैं । ये सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी । अर्थात् परमेश्वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेल-मिलाप कर लिया और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल-मिलाप का वचन हमें सौंप दिया । इसलिए हम मसीह के राजदूत हैं मानो परमेश्वर हमारे द्वारा विनती कर रहा है । हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं कि परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप कर लो ।
(2 कुरिन्थियों 5:17-20)

उससे मेल-मिलाप कर तब तझे शान्ति मिलेगी और इससे तेरी भलाई होगी (अय्यूब 22:21)

मसीह की शान्ति जिसके लिए तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो तुम्हारे हृदय में राज्य करे और तुम धन्यवादी बने रहो (कुलुस्सियों 3:15) ।

तब परमेश्वर की शान्ति जो सारी समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सूरक्षित रखेगी
(फिलिप्पियों 4:7) ।

परमेश्वर ने वादा किया कि मैं तुम्हारी ओर शान्ति की नदियां बहा दूँगा । जैसे माता अपने पुत्र को शान्ति देती है वैसे ही मैं भी तुम्हें शान्ति दूँगा और तुमको यरूशलेम ही में शान्ति मिलेगी (यशायाह 66:12-13) यरूशलेम का अर्थ होता है  "शान्ति का घर" ।

पवित्र वचन प्रभु यीशु को शान्ति का राजकुमार कहता है और प्रभु यीशु मसीह ने ही पक्का वादा किया कि मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें वैसी शान्ति नहीं देता (यूहन्ना 14:27) ।

सच्ची शान्ति सिर्फ अविनाशी प्रभु यीशु मसीह में ही है और कहीं भी नहीं । लेकिन इंसान आज संसार में और संसारिक चीजों में शान्ति ढूँढ रहा है । संसार में दु:ख और कलेश के इलावा और कुछ नहीं ।

प्रभु यीशु ने कहा मैंने ये बातें तुमसे इसलिए कहीं कि **तुम्हें मुझ में शान्ति मिले** (यूहन्ना 16:33) ।

क्योंकि धार्मिकता का फल शान्ति और उसका परिणाम सदा का चैन और बेफिक्र रहना होगा । मेरे लोग शान्ति के स्थानों में बेफिक्र रहेंगे और आराम के स्थानों में सुख से रहेंगे ।
(यशायाह 32:17-18) ।

उद्धारकर्ता के रुप में जब यीशु ने जन्म लिया तब स्वर्गदूतों ने आनन्दित हो कर ये गवाही दी कि "स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह खुश है शान्ति हो "
(लूका 2:14) ।

मौत पर जीत हासिल कर जब यीशु अपने चेलों से मिले तो कहा कि "तुम्हें शान्ति मिले" (यूहन्ना 20:26) ।

इसलिए आज उसकी आत्मा की आवाज को ध्यान लगाकर सुने क्योंकि लिखा है कि मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्वर क्या कहता है वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त हैं शान्ति की बातें कहेगा । (भजनसंहिता 85:8) ।

इसलिए प्रभु यीशु की संगति में ज्यादा से ज्यादा समय बीताएं और सच्ची शान्ति पाएँ ।

इस वचन के द्वारा प्रभु यीशु आपको स्वर्गीय और आत्मिक आशीष के साथ सच्ची शान्ति भी दे ।

 जै मसीह की 

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